रांची, 4 दिसंबर 2023: झारखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव से पहले सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वादों की होड़ शुरू कर दी है।
झामुमो के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वे राज्य सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं और मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। सोरेन ने कल्याण विभाग के छात्रावासों में रहकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए मुफ्त भोजन के अलावा आठ लाख बेघरों को पक्का आवास देने समेत कई घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं पर अमल भी शुरू कर दिया गया है।
सोरेन ने कहा कि अब तक कल्याण छात्रावास बनने के बाद कोई देखने वाला नहीं था। राज्य सरकार 500 से अधिक कल्याण छात्रावासों का जीर्णोंद्धार करा रही है। जर्जर भवनों को तोड़कर नया बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने जरूरतमंदों को आवास देने में हाथ खड़े कर दिए हैं। राज्य सरकार ने गरीबों के लिए अबुआ आवास योजना की शुरूआत की है। गरीबों को अनाज देने में भी कोताही हुई। राज्य सरकार ने 20 लाख लोगों का राशनकार्ड बनाकर राशन उपलब्ध कराया।
भाजपा भी वादों के जरिए जनता को आकर्षित करने में लगी है। भाजपा ने सत्ता में आने पर एनआरसी कराने का वादा किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी लगातार अपनी सभाओं में इस पर जोर देते हैं।
मरांडी का कहना है कि भाजपा की सरकार आने पर राज्य में एनआरसी कराकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को बाहर करेंगे। वह तर्क देते हैं कि घुसपैठ के कारण संताल परगना के जिलों की डेमोग्राफी प्रभावित हुई है। घुसपैठियों को जमीन का पट्टा देकर बंदोबस्ती कराया जा रहा है। संताल परगना के लिए यह एक गंभीर समस्या है।
चुनाव से पहले दोनों ही दलों की ओर से वादों की होड़ और बढ़ने की संभावना है। यह देखना होगा कि इन वादों पर कितना अमल होता है और जनता इन वादों पर कितना भरोसा करती है।
चुनाव में इन मुद्दों पर होगी लड़ाई
झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दे बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और कानून व्यवस्था होंगे। दोनों ही दलों को इन मुद्दों पर अपनी मजबूत स्थिति बनाने की कोशिश करनी होगी।
बेरोजगारी झारखंड की सबसे बड़ी समस्या है। राज्य में बेरोजगारी दर 12% से अधिक है। इस समस्या को दूर करने के लिए दोनों ही दलों को कोई ठोस योजना पेश करनी होगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। इन मुद्दों को सुधारने के लिए दोनों ही दलों को काम करना होगा।
कृषि भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। झारखंड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए दोनों ही दलों को कोई योजना पेश करनी होगी।
कानून व्यवस्था भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। झारखंड में अपराध दर बढ़ रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए दोनों ही दलों को काम करना होगा।
इन मुद्दों पर दोनों ही दलों की ओर से क्या वायदे किए जाते हैं, यह देखना होगा।